उत्तराखंड

नीति आयोग राज्य के सामरिक महत्व को देखकर नीति बनाएः उत्तराखंड

आयोग के उपाध्यक्ष के साथ बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कई मुद्दों पर की चर्चा

 

जनादेश एक्सप्रेस/देहरादून
उत्तराखंड की नीति आयोग से अपेक्षा है कि वह राज्य के सामरिक महत्व को देखते हुए नीति बनाए। साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखे कि राज्य में आपदा, वनाग्नि, पलायन और फ्लोटिंग जनसंख्या बड़ी चुनौती है और इसी हिसाब से नीतियां तैयार करना उचित रहेगा। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी के साथ सचिवालय में हुई बैठक के दौरान उत्तराखंड के इस पक्ष को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मजबूती से रखा।
सीएम ने बैठक के दौरान नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया कि हिमालयी राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नीतियों का निर्धारण किया जाए। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों की आजीविका में वृद्धि के लिए विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी किया। इससे पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन जैसी बड़ी समस्या का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर कार्य कर रही है। इसके दीर्घकालिक परिणाम गेम चेंजर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनसंख्या मूल रूप से लगभग सवा करोड़ है, लेकिन धार्मिक और पर्यटन प्रदेश होने की वजह से राज्य में इससे 10 गुना लोगों की आवाजाही है। राज्य में फ्लोटिंग जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए आधारभूत और बुनियादी सुविधाओं के विकास की आवश्यकता होती है। उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया राज्य में फ्लोटिंग आबादी को ध्यान में रखते हुए राज्य के लिए नीति बने। सीएम ने आपदाओं का जिक्र करते हुए भी वस्तु स्थिति को सामने रखा।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड को प्रथम स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज बैठक में राज्य की प्रमुख चुनौतियों से संबंधित जिन विषयों पर चर्चा हुई है, इन सभी विषयों पर हर संभव सहयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के आकांक्षी जनपदों और विकासखंडों के विकास के लिए भी नीति आयोग हर संभव सहयोग करेगा।

Janadesh Express

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