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आख़िरकार NAAC रेकिंग के फर्जीवाडा मे कार्यवाही शुरू, जनादेश एक्सप्रेस अख़बार की आवाज बुलंद

NAAC ग्रेड -नौ राज्यों में सीबीआई की छापेमारी; भ्रष्टाचार के आरोपी नैक चेयरमैन, JNU प्रोफेसर समेत 10 गिरफ्तार

” उत्तराखंड के विश्वविद्यालय भी रडार पर वर्ष 2020 मे उत्तराखंड की फर्जी विश्वविद्यालय की खबर को जनादेश एक्सप्रेस ने अख़बार मे खबर प्रकाशित किया था जिसमे उक्त विसविद्यालय प्रबंध द्वारा सम्पादक के ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज करवाया था, जो सरासर बेबुनियाद था r जनादेश अपनी बात पर क़ायम रहा जिसमे अभी भी सिविज परिवाद देहरादून न्यायालय मे लंबित है.”

अभय कुमार की रिपोर्ट —

बताते चले की जनादेश एक्सप्रेस के सम्पादक द्वारा देश मे हो रही रैकिंग मे फर्जीवडा की शिकायत दर्ज करवाई गई थी, जिस कड़ी मे सीबीआई ने रिश्वत लेकर शिक्षण संस्थानों को ए++ रेटिंग देने के मामले में यूपी के गौतमबुद्धनगर समेत देशभर में 20 ठिकानों पर छापे मारे। साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसी ने नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (एनएएसी) मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक प्रोफेसर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया

शनिवार को नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (एनएएसी) रेटिंग के लिए रिश्वतखोरी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का बड़ा एक्शन देखने को मिला है। इसके तहत सीबीआई ने देश भर में 20 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें चेन्नई, बंगलूरू, विजयवाड़ा, पलामू, संबलपुर, भोपाल, बिलासपुर, गौतमबुद्ध नगर और नई दिल्ली शामिल हैं। इस छापेमारी के दौरान सीबीआई ने एनएएसी की निरीक्षण समिति के अध्यक्ष और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक प्रोफेसर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया। साथ ही 37 लाख रुपये नकद, 6 लेनोवो लैपटॉप, एक आईफोन 16 प्रो मोबाइल फोन और अन्य आपत्तिजनक सामान भी बरामद किया।

10 लोगों की गिरफ्तारी

जांच एजेंसी ने एनएएसी की रेटिंग में घोटाले का खुलासा करते हुए आंध्र प्रदेश में गुन्टूर के कोनेरु लक्ष्मैया एजुकेशन फाउंडेशन (केएलईएफ) के पदाधिकारियों और एनएएसी निरीक्षण टीम के सदस्यों समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।

मामले में सीबीआई के अनुसार, यह शिक्षण संस्थान रिश्वत देकर ए++ रेटिंग हासिल करने की कोशिश कर रहा था। इस घोटाले में एनएएसी निरीक्षण टीम के अध्यक्ष और कई सदस्य भी शामिल पाए गए। सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।

इन लोगों की हुई गिरफ्तारी-

बात अगर गिरफ्तार आरोपियों की करें तो गिरफ्तार किए गए आरोपियों में केएलईएफ गुन्टूर के कुलपति जीपी सारधी वर्मा व उपाध्यक्ष कोनेरु राजा हरीन और केएल विश्वविद्यालय हैदराबाद के निदेशक ए रामकृष्ण को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा एनएएसी निरीक्षण टीम के अध्यक्ष समरेन्द्र नाथ साहा, जेएनयू दिल्ली के प्रोफेसर और एनएएसी के समन्यवक राजीव सिजारिया, एनएएसी टीम के सदस्य व भारत इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ के डी गोपाल, जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी भोपाल के डीन राजेश सिंह पवार, जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के निदेशक मानस कुमार मिश्रा, दावणगेरे यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर गायत्री देवराजा और संबलपुर विश्वविद्यालय के प्रोफसर बुलु महाराणा की गिरफ्तारी हुई।

सीबीआई ने दी जानकारी –

साथ ही मामले में सीबीआई ने जानकारी देते हुए बताया कि तलाशी के दौरान आरोपित शैक्षिक फाउंडेशन के पदाधिकारियों से एनएएसी निरीक्षण दल के सदस्य को नकद, सोना, मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे लाभ दिए गए थे। बता दें कि सीबीआई की जांच अभी भी जारी है।

उत्तराखंड का विश्वविद्यालय एक नजर –

https://janadeshexpress.in/2020/07/10/यूनिवर्सिटी-का-फर्जीवाड़ा/

 

Janadesh Express

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