उत्तराखंड

निशंक के ‘मेगा शो’ का आगाज, दिग्गजों को जुटाकर दिखाई ताकत

दून के थानों में लेखक गांव का लोकार्पण, तीन दिनी स्पर्श हिमालय महोत्सव शुरू

 

जनादेश एक्सप्रेस/देहरादून
उत्तराखंड की राजनीति के सशक्त चेहरे डा रमेश पोखरियाल निशंक फिलहाल किसी ओहदे पर नहीं है, लेकिन दून के थानो इलाके में लेखक गांव की परिकल्पना को जमीन पर उतारकर उन्होंने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। बृहस्पतिवार को डा निशंक के तीन दिनी मेगा शो का आगाज हो गया। इसे नाम दिया गया है-स्पर्श हिमालय महोत्सव-2024। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि), पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी, जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जैसे दिग्गजों को एक मंच पर लाकर निशंक ने अपने विरोधियों को ताकत भी दिखाई।
राजनीतिक तौर पर यह समय निशंक के लिए बहुत मुफीद नहीं चल रहा है। हरिद्वार संसदीय सीट से इस बार उनका टिकट काट दिया गया। पूर्व सीएम और पूर्व केद्रीय शिक्षा मत्री होने के बावजूद भाजपा हाईकमान ने उनका फिलहाल कहीं उपयोग नहीं किया है। राजनीतिक लिहाज से निशंक को हाशिये पर बताया जा रहा हे। मगर थानो में मेगा आयोजन कर निशंक ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह चूके नहीं हैं। हालांकि लेखक गांव में स्पर्श हिमालय महोत्सव-2024 पूरी तरह से गैरराजनीतिक कार्यक्रम है, लेकिन इसके जरिये निशंक जिस तरह का राजनीतिक संदेश भी देना चाहते हैं, वह पहले दिन तो प्रसारित हुआ ही है। पहले दिन उपस्थित अतिथियों ने ‘‘हिमालय में राम’’ पुस्तक का विमोचन किया। लेखक गाँव की इस पहली रचना को डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने लिखा है।

क्या है लेखक गांव की खासियत
-दावा है कि थानो स्थित इस लेखक गांव देश का पहला लेखक गांव है। लेखक गांव में लेखक कुटीर, संजीवनी वाटिका, नक्षत्र और नवग्रह वाटिका, पुस्तकालय, कला दीर्घा, योग-ध्यान केंद्र, परिचर्चा केंद्र, गंगा और हिमालय का मनमोहक संग्रहालय बनाया गया है। कहा जा रहा है कि लेखक गाँव में आकर लेखक एक ही स्थान पर प्रकृति, संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान से साक्षात्कार कर विविध विषयों पर चिंतन के लिए नए दृष्टिकोण प्राप्त कर सकेंगे।

लेखक गांव पर किसका क्या नजरिया
-लेखकों, कवियों, साहित्यकारों और अन्य रचना कर्मियों द्वारा महसूस की जा रही व्यावहारिक कठिनाइयों का निवारण करने की ओर यह एक अभिनव पहल है। लेखक गांव अपने प्रकार की प्रथम परिकल्पना है।-पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद।

-इस पहल के माध्यम से साहित्य, कला, और संस्कृति के क्षेत्र में जो नवाचार देखने को मिलेगा, वह हमारे उत्तराखण्ड की धरोहर को एक नई दिशा देगा।-राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह।

-देवभूमि उत्तराखंड सदियों से रचनात्मकता का अद्भुत केंद्र रही है। ऐसे प्रदेश में लेखक गांव का बनना अपने आप में एक महान कार्य है।-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

-एआई के इस युग में स्वयं के साक्षात्कार के लिए सृजनात्मक माहौल चाहिए, जहां आप स्वयं के अस्तित्व में डूबकर मोती निकाल सके। उसे इस प्रकार का लेखक गांव जैसा स्थान चाहिए।- भारतीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड अध्यक्ष प्रसून जोशी।

-यह एक अलग प्रकार का आयोजन है, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की। यहां लेखकों, विचारकों को अपनी कृतियों को लिखने का अवसर मिलेगा।-जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी।

Janadesh Express

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