गड्ढा मुक्त सड़कें: दस दिन में क्या हासिल हो पाएगा लक्ष्य
लोक निर्माण विभाग को छोड़कर किसी अन्य संस्था ने साफ नहीं की स्थिति

जनादेश एक्सप्रेस/देहरादून
लोगों की परेशानी का सबब बनीं गड्ढे़ वाली सड़कों की दशा क्या अगले दस दिन में सुधर जाएगी या फिर अफसर सीएम पुष्कर सिंह धामी के फरमान पर यूं ही लापरवाही दिखाएंगे, ये सवाल अपनी जगह पर खड़ा है। सीएम ने सड़कों पर मौजूद गड्ढे भरने के लिए दस दिन का अतिरिक्त समय लोक निर्माण विभाग को दिया है, जिसका दावा है कि उसके नियंत्रण वाली सिर्फ पांच फीसदी सड़कों पर ही अब गड्ढे़ रह गए हैं। बाकी सब को पाट लिया गया है। यह दावा कितना सच्चा या झूठा है, यह अलग विषय है, परंतु हैरत इस बात पर है कि लोनिवि के अलावा अन्य एजेंसियों ने इस संबंध में अपनी स्थिति साफ करने की जेहमत तक नहीं उठाई है।
लोगों को गड्ढे युक्त सड़कों से हो रही परेशानी को देखते हुए सीएम ने पिछले महीने विभागों के लिए डेडलाइन तय कर दी थी। विभागों से कहा गया था कि वह 15 अक्टूबर तक सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त कर दें। विभागो ने सीएम के फरमान पर लापरवाही दिखाई और हाल ये है कि तमाम स्थानों पर अब भी सड़कों की स्थिति जस की तस है। सरकार की नाक के नीचे ही एक नहीं, तमाम जगहों पर गड्ढे़ वाली सड़क विभागीय कार्यप्रणाली को सामने रख रही है।
दरअसल, सड़क निर्माण में सबसे अहम भूमिका लोक निर्माण विभाग की है, लेकिन स्थानीय निकायों, मंडी परिषद और तमाम अन्य संस्थाएं भी सड़कों का निर्माण व देखरेख का काम करती हैं। इन संस्थाओं से संबंधित कोई अपडेट सार्वजनिक नहीं किया गया है।
विपक्ष मुखर, लोनिवि मंत्री ने साध ली चुप्पी
-सड़कों केा गड्ढ़ा मुक्त करने के फरमान और उस पर विभागीय लापरवाही पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस मुखर है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने राजधानी के कई क्षेत्रों में जाकर सोशल मीडिया पर सड़कों की मौजूदा स्थिति को लाइव दिखाया है। दूसरी तरफ, इस मामले में लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज की चुप्पी सामने आ रही है। सीएम के फरमान के अनुपालन के लिए लोनिवि मंत्री किसी तरह का प्रयास करते हुए भी नजर नहीं आए हैं।