गवर्नर के ऊपर अफसर राजभवन नहीं गए,के के पाठक इंतजार करते रह गए राज्यपाल आर्लेकर

अभय कुमार/पटना जनादेश एक्सप्रेस –
बिहार में शिक्षा विभाग और राज्यपाल के बीच जारी तकरार के बीच अपर मुख्य सचिव के के पाठक सोमवार को राजभवन नहीं पहुंचे. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने क पाठक को तलब करते हुए सोमवार को सुबह 10:00 बजे उनके चेंबर में उपस्थित होने को कहा था. चर्चित आईएएस अफसर ने राज्यपाल के बुलावे को भी दरकिनार कर दिया, इसे सियासी गलियारों में चढ़ता तेज हो गई अब राज्यपाल उसे पर क्या कदम उठाते हैं इस पर सब की निगाहें टिकी हुई है.
राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोनंथू नेहाल ही में शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक को पत्र भेजा. इसमें इन्होंने कहा कि राजभवन में बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति वन्य पदाधिकारी की बैठक 9 अप्रैल को बुलाई गई थी. इसमें क्या-क्या पाठक भी आमंत्रित थे लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए कुलपति सा राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर मैं इस पर खेत जाते और क पाठक से अनुपस्थित रहने के कारण जाने के लिए उन्हें अपने चेंबर में सुबह 10:00 बजे तलब किया.
बताया जा रहा है कि राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर लेकर सुबह 10:00 बजे अपने चेंबर में के के पाठक का इंतजार करते रहे. मगर पाठक नहीं पहुंचे करीब आधा घंटा इंतजार करने के बाद वे अपने चैंबर से अन्य कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए निकल गए. राज भवन और शिक्षा विभाग के बीच विश्वविद्यालयों के मुद्दे पर लंबे समय से टकराव चल रहा है. केके पाठक ने फरवरी और मार्च महीने में कई बार यूनिवर्सिटी के वीसी समेत अन्य पदाधिकारी की बैठक बुलाई मगर एक भी बैठक में कोई वीसी शामिल नहीं हुए. राज्यपाल ने उन्हें बैठक में जाने की अनुमति नहीं दी थी. इसके बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पाठक ने विभाग के कुलपतियों के वेतन और विश्वविद्यालय के खाते पर रोक लगा दी थी. इससे वीसी पाठक के खासे नाराज चल रहे थे.
पाठक से तीन बैच सीनियर रिटायर आईपीएस सुनील कुमार को नीतीश ने बनाया शिक्षा मंत्री
राजभवन के साथ क पाठक का टकराव तब से चल रहा था जब वह शिक्षा विभाग में आए थे. शिक्षा विभाग में भी उनकी महागठबंधन सरकार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर से तीखी तकरार हो गई थी फिर सीएम नीतीश कुमार ने आलोक मेहता को शिक्षा मंत्री बना दिया था, इस बार एनडीए सरकार में नीतीश कुमार ने तुनक मिजाज क पाठक को हैंडल करने के लिए रिटायर्ड डिग्री से नेता बने सुनील कुमार को शिक्षा मंत्री बनाया है. पाठक 1990 बैच के आईएएस अफसर हैं जबकि सुनील कुमार 1987 बैच के आईपीएस पदाधिकारी रहे हैं. लेकिन पाठक से सीनियर रिटायरमेंट ब्यूरोक्रेट्स को शिक्षा विभाग का मंत्री बनने के बाद भी शिक्षा विभाग मैं माहौल और काम का सामान्य नहीं हो पा रहा है.
केके पाठक के खिलाफ होगा एक्शन?
आईएएस अफसर क पाठक जिस प्रकार सरकार के अपर मुख्य सचिव हैं उसे सरकार की नियुक्ति राज्यपाल करते हैं बावजूद राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलने के लिए स्पष्ट बुलावे के बावजूद पाठक का राजभवन नहीं जाना गंभीर मामला साबित हो सकता है. यूनिवर्सिटी के मामलों में पाठक और शिक्षा विभाग के हस्तक्षेप से अजीज राज्यपाल आर्लेकर ने पाठक को बुलाकर समझने की एक कोशिश की थी लेकिन पाठक ने नहीं आने के बाद राज्यपाल क्या कदम उठाएंगे इस पर सबकी नजर होगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राज्यपाल के संबंध मधुर हैं और पहले भी सरकार और राजभवन के बीच टकराव की स्थिति पैदा होने पर नीतीश ने राज्यपाल से मिलकर तनाव को खत्म किया है. खतरा इस बात का है कि राज्यपाल की और मन के चक्कर में क पाठक पर सरकार एक्शन ले सकती है.