उत्तराखंड

क्या अपने चेले मनोज रावत को केदारनाथ में टिकट दिला पाएंगे हरदा!

वर्ष 2017 के चुनाव में हरीश रावत ने अपनी जगह मनोज रावत को दिला दिया था टिकट

 

जनादेश एक्सप्रेस/देहरादून
अब केदारनाथ पर पूरे देश की निगाहें हैं। केदारनाथ उपचुनाव को जीतना कांग्रेस के लिए बड़ा सपना है। निगाहें अब कांग्रेस के उत्तराखंड में सबसे बडे़ नेता हरीश रावत पर भी हैं। सवाल ये है कि क्या वह इस सीट पर अपने चेले मनोज रावत को टिकट दिला पाएंगे। मनोज रावत इस सीट का विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उनके पक्ष में कई बातें हैं, लेकिन यह भी तथ्य अपनी जगह पर है कि कांग्रेस में हरीश रावत का धुर विरोधी खेमा भी लगातार सक्रियता बनाए हुए है। ऐसे में टिकट की लड़ाई कांग्रेस में दिलचस्प मोड़ पर आ रही है।
वर्ष 2017 के विधानसभा से पहले यह बात छिपी हुई थी कि मनोज रावत कांग्रेस में हरीश रावत के कितने करीबी है। 2017 का विधानसभा चुनाव घोषित हुए, तो तत्कालीन सीएम हरीश रावत की संभावित सीट की चर्चा जोर-शोर से उठी। केदारनाथ का नाम सबसे टॉप पर था। इसकी वजह साफ थी। वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद की परिस्थितियों में सीएम बने हरीश रावत ने केदार पुरी को संवारने के लिए खूब मेहनत की थी। केदारनाथ को हरदा ने अपने चुनावी क्षेत्र के लिए तय भी कर लिया था, लेकिन ऐन मौके पर वह हरिद्वार ग्रामीण व किच्छा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ गए। हालांकि दोनों ही जगहों से उन्हें हार नसीब हुई। केदारनाथ सीट पर अपने उत्तराधिकारी के तौर पर उन्होंने मनोज रावत को टिकट दिलवाया, जिन्हें चुनाव में जीत हासिल हुई।
पेशे से पत्रकार रहे मनोज रावत वर्ष 2022 में भी केदारनाथ सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी थे, लेकिन भाजपा की शैलारानी रावत से चुनाव में हार गए थे। अब एक बार फिर इस सीट के लिए कांग्रेस के टिकट पर उनकी मजबूत दावेदारी है। हरीश रावत उनके साथ खडे़ हैं। उनके पक्ष में एक बात और हुई है। हरीश रावत खेमे के माने जाने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल प्रत्याशी की तलाश के लिए गठित पर्यवेक्षकों की टीम के प्रमुख बनाए गए हैं।
इन स्थितियों के बीच, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और तमाम बडे़ नेताओं की सक्रियता मनोज रावत का पत्ता कटवाने के लिए तेज हो गई है। ये सारे नेता हरीश रावत के पार्टी के भीतर विरोधी माने जाते हैं। इन नेताओं की ओर से ही कांग्रेस के दिग्गज नेता डा हरक सिंह रावत की इस सीट पर दावेदारी को हवा दी जा रही है। हरक सिंह रावत खुद भी चुनाव लड़ने के इच्छुक बताए जा रहे हैं। वैसे, यह भी सच्चाई है कि पिछले कुछ चुनाव में टिकट वितरण में कांग्रेस हाईकमान ने हरीश रावत की पसंद को तवज्जो दी है। केदारनाथ सीट के मामले में क्या होता है, ये बहुत जल्द साफ होने जा रहा है।

Janadesh Express

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