उत्तराखंड में मूल निवास और भू-कानून के लिए और तेज हुंकार
10 नवंबर को गंगानगरी में शक्ति प्रदर्शन 26 को शहीद स्थल पर भूख हड़ताल

जनादेश एक्सप्रेस/देहरादून
मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति अपने आंदोलन से सरकार को लगातार असहज कर रही है। महत्वपूर्ण बात ये है कि समिति के हर आह्वान को व्यापक जन समर्थन मिल रहा है। इसी दबाव के नतीजतन धामी सरकार को कहना पड़ा है कि वह अगले बजट सत्र में सशक्त भू-कानून लेकर आएंगे। इन स्थितियों के बीच, संघर्ष समिति नरम रूख अख्तियार करने के लिए तैयार नहीं है। नवंबर माह में समिति ने दो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की घोषणा कर दी है। पहले कार्यक्रम में 10 नवंबर का हरिद्वार में रैली की जाएगी। दूसरे कार्यक्रम में शहीद स्थल देहरादून में 26 नवंबर से भूख हड़ताल का ऐलान है। इस दिन संविधान दिवस है।
युवाओं की पहल से अस्तित्व में आई संघर्ष समिति देहरादून, ऋषिकेश, गैरसैंण, हल्द्वानी, बागेश्वर आदि स्थानों में सफल रैलियां आयोजित कर चुकी है। पिछले वर्ष देहरादून में हुई पहली रैली में इतनी भीड़ उमड़ी थी कि लोगों ने इसकी तुलना उत्तराखंड आंदोलन की रैलियों से की थी। मूल निवास और भू-कानून के मुद्दे पर लोगों को लामबंद करने में समिति सफल रही है। समिति ने साफ कर दिया है कि इन दो मुददों को किसी भी राजनीतिक दल के झंडे तले नहीं लड़ा जाएगा। इशारा उत्तराखंड क्रांति दल की तरफ है, जो कि इन मुद्दों को अपने स्तर से उठा रहा है।
समिति के संयोजक मोहित डिमरी के अनुसार, संविधान दिवस के मौके पर घोषित भूख हड़ताल कार्यक्रम होना न होना सरकार पर निर्भर है। यदि सरकार 26 नवंबर से पहले इन दोनों मुददों पर कानून ले आती है, तो यह कार्यक्रम नहीं होगा। अन्यथा, भूख हड़ताल होना तय है। हरिद्वार महारैली सरकार के लिए चेतावनी होगी।