उत्तराखंड

ओलंपिक से पहले विश्व चैंपियनशिप में पदक लाना लक्ष्यः अंकिता

एशियन क्रास कंट्री चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर अंकिता ध्यानी बेहद उत्साहित

जनादेश एक्सप्रेस/देहरादून
अभी बहुत ज्यादा पुरानी बात नहीं है, जबकि पेरिस ओलंपिक में भाग लेकर अंकिता ध्यानी ने पूरे उत्तराखंड को गौरान्वित किया था। हालांकि कोई पदक वह नहीं जीत पाई थी, लेकिन चार दिन पहले ही हांगकांग में उसने गोल्ड जीतकर देश को खुश होने का मौका दे दिया है। बंगलूरू के नेशनल कैंप में रहकर अंकिता ध्यानी वर्ष 2028 के ओलंपिक की तैयारी में जुटी है, लेकिन उससे पहले चाहती हैं कि वर्ष 2025 में विश्व चैंपियनशिप में पदक लाए।
उत्तराखंड के पौड़ी जिले के मेरूड़ा गांव की रहने वाली अंकिता ध्यानी भारतीय एथलेटिक्स की बड़ी उम्मीद है। वह तेजी से उभरती सितारा है, जिस पर उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरा देश यह विश्वास कर रहा है कि वह बड़ी प्रतियोगिताओं में भारत का नाम करेगी। एशियाई स्तर की चैंपियनशिप में वह पहले भी पदक जीत चुकी है और चार दिन पहले फिर से उसने स्वर्ण पदक जीता है। यह क्रास कंट्री दस किलोमीटर की थी, जिसमें अंकिता के साथ सीमा, संजीवनी जाधव व सोनिया की टीम ने भारत के लिए पदक जीता। इस उपलब्धि से अंकिता बेहद खुश है।
रेलवे विभाग में कार्यरत अंकिता ध्यानी ने बातचीत में अपनी भविष्य की योजनाओं का जिक्र किया। अंकिता के अनुसार-अब उनका पूरा ध्यान जापान में वर्ष 2025 में होने वाली विश्व चैंपियनशिप पर है। इसमें भारत के लिए पदक जीतने का उनका सपना है। इसके बाद, वर्ष 2028 में ओलंपिक में वह देश के लिए पदक जीतना चाहेंगी।
दरअसल, अंकिता ध्यानी ने संसाधनों के घोर अभाव के बीच सफलता की कहानी लिखी है। उत्तराखंड के एक छोटे से गांव से निकलकर चह बड़ी बड़ी एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व कर रही है। अंकिता कहती है-देश के लिए खेलना बहुत अच्छा लगता है। पूरा देश उनका मनोबल बढ़ाता है, तो और मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है।

Janadesh Express

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