अंतराष्ट्रीय महिला दिवस – लोकसभा चुनाव में आधी आबादी को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं
महिला सम्मान का मजाक क्यों ? भाजपा और कांग्रेस ने भी अब तक बनाए मात्र 2 महिला प्रत्याशी

अभय कुमार की रिपोर्ट –
उत्तराखंड के सियासी दल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिलाओं को सम्मान अधिकार देने की वकालत तो खूब करते हैं और चुनाव में उन्हें टिकट देने में हमेशा कंजूसी करते हैं प्रदेश गठन के बाद भाजपा व कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में अब तक सिर्फ दो महिलाओं को टिकट दिया है इसमें भी सिर्फ माला राज्य लक्ष्मी शाह सांसद चुनी गई अब तक वह तीन बार लोकसभा के लिए चुनी जा चुकी हैं । भाजपा हाई कमान ने इस बार भी उन पर भरोसा जताया है चुनावी मौसम आते ही राजनीतिक दल वोट पाने के लिए महिला वोटरों को लुभाने के प्रयास में जुड़ जाते हैं पर जब टिकट वितरण की बारी आती है तो महिलाओं को बहुत कम अवसर मिलते हैं टिकट वितरण में महिलाओं को बराबरी का मौका नहीं मिलने से स्वाभाविक रूप से लोकसभा में उनकी हिस्सेदारी भी बहुत कम हो जाती है।
उत्तराखंड के प्रमुख सियासी दलों की बात करें तो बीते लोकसभा चुनाव में सिर्फ भाजपा ने टिहरी से माल राजलक्ष्मी शाह को टिकट दिया था कांग्रेस ने किसी महिला को टिकट नहीं दिया था इससे पूर्व वर्ष 2014 में भी भाजपा ने माला राज्य लक्ष्मी को ही मैदान में उतारा था जबकि कांग्रेस ने हरिद्वार से रेडुका रावत को टिकट दिया था। परिवार में सिमटे टिकट उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस की ओर से महिलाओं को टिकट दिए गए टिकट सिर्फ एक परिवार तक ही सीमित रहे । भाजपा ने 2012 के उपचुनाव के साथ ही 2014 2019 और 2024 के सुनाओ चुनावो के लिए टिहरी से महिला प्रत्याशी बनाया है।
जबकि कांग्रेस पार्टी ने 2004 में अल्मोड़ा और 2014 में हरिद्वार में महिला सीट को टिकट दिया लेकिन भाजपा कांग्रेस के यह सिर्फ एक परिवार तक ही सीमित है भाजपा ने टिहरी से इस बार भी सांसद माला को ही टिकट दिया कांग्रेस ने पूर्व सीएम हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत को एक बार अल्मोड़ा से और एक बार हरिद्वार से लोकसभा का टिकट दिया।
40 लाख है महिला वोटरों की संख्या
उत्तराखंड में 82 लाख के करीब वोटर हैं जिसमें 40 लाख के करीब महिला मतदाता है लेकिन आधी आबादी को इसकी तुलना में टिकट बहुत कम मिल रहे हैं इसे लोकसभा में महिलाओं की प्रतिशत कम है राज्य विधानसभा में भी आबादी की तुलना में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अभी काफी कम है।
क्या हिंदुस्तान में महिला नेतृत्व की कमी रह गई है अगर नहीं तो महिलाओं को मिलना चाहिए भरपूर सम्मान महिलाओं को भी देश में पुरुषों के बराबर चलने का अधिकार है और यह अधिकार उन्हें मिलना ही चाहिए अब देखना यह है कि इस लोकसभा के बाकी सीटों पर या बाकी प्रत्याशियों की सूची में क्या महिला प्रत्याशियों को मौका दिया जाता है या वैसे ही केवल मंच पर ही महिलाओं को सम्मान दिया जायेगा
भाजपा महिला नेतृत्व को लगातार बढ़ावा दे रही है पिछली लोकसभा में हमारी एक महिला सांसद थी राज्यसभा में भी पार्टी ने एक महिला को मौका दिया देश में जिस तरह महिला नेतृत्व उभर रहा है, उसके आधार पर मैं कह सकती हूं कि आने वाले समय में पार्टी में महिला नेताओं का भविष्य उज्जवल है.
आशा नौटियाल अध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा
कांग्रेस में हमेशा महिलाओं को आगे बढ़ाया गया है कांग्रेस ने ही महिलाओं को आरक्षण देने की पर भी की थी इस बार भी लोकसभा चुनाव के दावेदारों के रूप में कई महिलाएं आगे आई हैं पूरा प्रयास है कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व बड़े केंद्र स्तर पर भी महिलाओं की दावेदारी को पूरी गंभीरता से लिया जा रहा है
ज्योति रौतेला महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष