शैला समर्थकों की दुखती रग पर हरदा का हाथ, कहा-आ जाओ साथ
केदारनाथ उपचुनाव में भाजपा को घेरने में जुटे हरीश रावत, कर रहे चुभते सवाल

जनादेश एक्सप्रेस/देहरादून
उत्तराखंड की सियासत में हरीश रावत यानी हरदा जैसा कोई नहीं है। गजब का जज्बा है। मौके की नजाकत को भांपकर सियासी पांसा फेंकते हैं। अब अपने चहेते मनोज रावत को जिताने की मंशा लेकर पहाड़ चढ़ गए हैं। केदारनाथ क्षेत्र में बढ़ती सर्दी के बीच सियासी गर्मी बढ़ा रहे हैं। दिवंगत भाजपा विधायक शैलारानी रावत के समर्थको की दुखती रग पर हाथ रख रहे हैं। कांग्रेस के साथ खड़े होने की अपील कर रहे हैं। शैला रानी की पुत्री ऐश्वर्या रावत को भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। हरदा सवाल कर रहे हैं-पिथौरागढ़ में मृतक आश्रित को टिकट दिया। बागेश्वर, थराली में दिया, तो फिर केदारनाथ में क्यों नहीं दिया। आखिर शैलारानी ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था।
हरदा बखूबी जानते हैं कि भले ही भाजपा ने टिकट बांटते हुए सहानुभूति कार्ड का ख्याल नहीं रखा, लेकिन उपचुनाव दिवंगत शैलारानी रावत की छाप से मुक्त नहीं रहने वाला। टिकट न मिलने से शैलारानी की पुत्री ऐश्वर्या रावत नाराज हैं। शैलारानी के समर्थकों की इस विधानसभा में अच्छी खासी तादाद है। समर्थक भी उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इस मायूसी और उपेक्षा को अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश में हरीश रावत जुट गए हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत के समर्थन में आयोजित एक सभा में हरदा ने शैलारानी समर्थकों की भावनाओं को उभारने के लिए पूरा जोर लगाया। लगे हाथ वर्ष 2016 के सत्ता संग्राम की स्मृतियों को भी ताजा कर दिया। वर्ष 2016 में हरीश रावत जब सीएम थे, तब कांग्रेस की सरकार गिराकर भाजपा में जाने वालों में केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत भी थी। हरदा ने अपने संबोधन में कहा-भाजपा का शैलारानी ने क्या बिगाड़ा था। बिगाड़ा तो हमारा था, जबकि शैला के कहने पर सीएम रहते हुए उन्होंने कई काम किए थे। हरदा ने कहा-भाजपा ने शैला का दोहन किया।
वर्ष 2016 के सत्ता संग्राम में हरीश रावत को झटका देने वालों में हरक सिंह रावत प्रमुख तौर पर शामिल रहे थे। विजय बहुुगुणा के साथ मिलकर हरक सिंह रावत ने ही हरीश रावत सरकार को गिराने की योजना पर काम किया था। हरीश रावत के ना चाहते हुए भी उनकी कांगे्रस में घर वापसी हुई है। मनोज रावत के समर्थन में आयोजित जिस सभा में हरदा ये सारी बातें कह रहे थे, उसके मंच पर हरक सिंह रावत की मौजूदगी भी रही। इस स्थिति के बीच, हरदा यह कहने से भी नहीं चूके कि शैलारानी की बेटी को टिकट ना दिए जाने से उनके समर्थकों का तो अपमान हुआ ही है, उनका भी अपमान हुआ है, जो कि 2016 में शैला के साथ कांग्रेस से चले गए थे। अपने चिर-परिचित अंदाज में हरदा ने कहा-मां का दूध पिया है, अन्न खाया है, तो आत्मा जागनी चाहिए। जो भी लोग कांग्रेस को छोड़कर इधर-उधर हुए हैं, वे पार्टी में आ जाएं। मिलकर लडे़ंगे। हम अपने अपमान का भी बदला लेंगे, तुम्हारे अपमान का भी बदला लेंगे।