उत्तराखंड

पर्चा तो नहीं भरा, क्या खुलकर प्रचार करेंगे ऐश्वर्या-कुलदीप!

केदारनाथ उपचुनाव: दोनों दावेदारों को कितना मना पाई है भाजपा, प्रचार से पता चलेगा

जनादेश एक्सप्रेस/देहरादून

केदारनाथ उपचुनाव में भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार ऐश्वर्या रावत और कुलदीप रावत अब भी नाराज हैं या मैनेज कर लिए गए हैं, यह सवाल अनसुलझा है। भाजपा के नेताओं को इतनी कामयाबी तो मिल गई कि दोनों में से किसी ने भी बागी बतौर नामांकन दाखिल नहीं कराया है, लेकिन पार्टी के प्रचार से वे दूर हैं। भाजपा के लिए असली चुनौती यही है कि वह दोनों को प्रचार अभियान में भी सक्रिय कर ले।
केदारनाथ सीट पर भाजपा ने पूर्व विधायक आशा नौटियाल को टिकट दिया है। हालांकि अलग-अलग कारणों से ऐश्वर्या रावत और कुलदीप रावत दोनों ही टिकट के मजबूत दावेदार थे। ऐश्वर्या की बात करें, तो दिवंगत विधायक शैलारानी रावत की पुत्री होने की वजह से उन्हें टिकट की उम्मीद थी। इसके अलावा, जिस तरह से युवा नेतृत्व उभारने पर भाजपा का जोर है, उसमें भी उनके टिकट की संभावना लग रही थी। दूसरी तरफ, कुलदीप रावत की ताकत को पिछले दो चुनाव में खुद भाजपा देख चुकी है। किस तरह भाजपा में आने से पूर्व निर्दलीय बतौर उन्होंने दोनों चुनाव लडे़, ये सभी जानते हैं। एक चुनाव में तो वह दूसरे नंबर पर रहे थे। खैर, दोनों ही दावेदारों को पार्टी ने भाव नहीं दिए, जबकि दोनों ने पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
टिकट वितरण से पूर्व कुलदीप रावत तो यह कहते नजर आ रहे थे कि चुुनाव लड़ने का फैसला उनके कार्यकर्ता करेंगे। दूसरी तरफ, भाजपा के बडे़ नेताओं से मुलाकात के बाद ऐश्वर्या ने मीडिया में बयान दिया था कि दिवंगत विधायक के परिजन को टिकट देने की परंपरा का निर्वहन करने की बात भाजपा नेताओं ने उनसे की है। इसलिए उनका टिकट पक्का है। टिकट न मिलने से नाराज ऐश्वर्या ने तो सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट डाल दी थी, जिससे भाजपा नेतृत्व असहज हो गया था। हालांकि बाद में यह पोस्ट हटा ली गई।
भाजपा के नेता दावा कर रहे हैं कि दावेदारों में कोई नाराजगी नहीं है और सभी पार्टी प्रत्याशी की जीत के लिए काम कर रहे है। मगर इस दावे में बहुत दम नजर नहीं आ रहा है। दोनों दावेदारों की नाराजगी से नुकसान की आशंका से भाजपा सहमी हुई है। वैसे, बताया जा रहा है कि दोनों दावेदारों को सम्मानजनक एडजस्टमेंट का भरोसा दिया गया है, मगर जिस तरह से दोनों ही प्रचार से अभी दूर हैं, ऐसे में भाजपा के रणनीतिकार अभी सहज नहीं हैं। सभी की निगाहें इस पर केंद्रित हैं, कि आने वाले दिनों में क्या स्थिति बनती है।
जहां तक कांग्रेस का सवाल है, टिकट के दावेदार रहे पूर्व काबीना मंत्री डा हरक सिंह रावत कांग्रेस के प्रचार में दिख रहे हैं। हालांकि हरीश रावत की वजह से वह कितने मन से प्रचार में जुटते रहेंगे, यह कहना मुश्किल है।

 

Janadesh Express

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