सीबीआई ने रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर समेत 5 लोगों को किया गिरफ्तार
लखनऊ में 4, वाराणसी में 6 और गाजियाबाद में 1 जगह पर तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए.

नई दिल्ली: जनादेश एक्सप्रेस-
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कथित रिश्वतखोरी के एक मामले में उत्तर रेलवे लखनऊ में तैनात गति शक्ति इकाई के डिप्टी चीफ इंजीनियर समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. यह जानकारी सीबीआई के एक अधिकारी ने मंगलवार को दी.
सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक, एजेंसी ने 14 जुलाई को आरोपी डिप्टी चीफ इंजीनियर, सीनियर डीईएन (कोऑर्डिनेशन), डीआरएम कार्यालय के कार्यालय अधीक्षक, एसएसई (वर्क्स), लेखा अनुभाग अधिकारी (सभी एनईआर वाराणसी से हैं), वरिष्ठ लिपिक (एईएन, एनईआर, वाराणसी का कार्यालय), एक प्राइवेट कंपनी, निजी कंपनी के दो कर्मचारियों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान विवेक कुशवाह (डिप्टी चीफ इंजीनियर, गति शक्ति, उत्तर रेलवे लखनऊ), अशोक रंजन (एसएसई ड्राइंग्स), अंजुम निशा (ओएस उत्तर रेलवे, लखनऊ), जिमी सिंह उर्फ अजीत कुमार सिंह (एक निजी कंपनी का कर्मचारी, एक रेलवे ठेकेदार) और प्रवीण कुमार सिंह (एक अन्य निजी कंपनी से संबंधित) के रूप में हुई है.
सीबीआई के मुताबिक, लखनऊ में 4 स्थानों, वाराणसी में 6 स्थानों और गाजियाबाद में 1 स्थान पर तलाशी ली गई. जांच के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए. जांच के दौरान, यह पता चला कि निजी कंपनी एक रेलवे ठेकेदार है जिसे वाराणसी के भदोही में गति शक्ति परियोजना के तहत एक कार्य, टेंडर दी गई है. यह कार्य आरोपी डिप्टी चीफ इंजीनियर, गति शक्ति उत्तर रेलवे, लखनऊ की देखरेख में होता है.
सीबीआई ने अपने बयान में दावा किया कि,आरोपी निजी कंपनी के कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके पास से आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई, जिससे यह साबित होता है कि 14 जुलाई को उसने निजी कंपनी की ओर से आरोपी डिप्टी चीफ इंजीनियर, ओएस, एसएसई (ड्राइंग्स) और सहायक एक्सईएन को अनुचित लाभ पहुंचाया.
इसके बाद, आरोपी डिप्टी चीफ इंजीनियर को उसके कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया गया. उसके पास से आरोपी निजी व्यक्ति से लिए गए 2.50 लाख रुपये का कथित अनुचित लाभ बरामद किया गया. आरोपी निजी व्यक्ति द्वारा आरोपी ओएस को दी गई 80 हजार रुपये की रिश्वत राशि उसके कब्जे से बरामद की गई. प्रवक्ता ने बताया कि इस राशि में आरोपी एसएसई (ड्राइंग) द्वारा आरोपी ओएस के माध्यम से ली गई रिश्वत भी शामिल है.
इस मामले में तीन रेलवे कर्मचारियों और दो निजी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक अन्य आरोपी सहायक एक्सईएन फरार बताया जा रहा है. आरोप है कि, उसने कथित तौर पर आरोपी निजी व्यक्ति से 2.75 लाख रुपये प्राप्त किए थे. सीबीआई अधिकारी के मुताबिक, फरार आरोपी की तलाश की जा रही है. सीबीआई ने बताया कि गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया और सभी को 28 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.