चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सिलेक्शन कमेटी में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का होना जरूरी है

अभय कुमार –
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की निष्पक्ष प्रक्रिया के लिए सिलेक्शन कमेटी में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का होना जरूरी है?
लेकिन…. इस संबंध में अदालत के निर्णय के बगैर ही नियुक्तियां कर दी गई हैं!
हालांकि, खबरों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति रद्द करने से तो इनकार कर दिया है, लेकिन…. इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने सरकार से पूछा है कि- जब मामला अदालत में लंबित था, तो नियुक्ति क्यों की गई?
मोदी सरकार को यह 21 मार्च 2024 को यह बताना होगा!
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने अचानक गुरुवार शाम को पूर्व आईएएस अफसर ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू को चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त नियुक्त किया था.
इस संबंध में अधीर रंजन ने नियुक्ति प्रक्रिया पर नाराजगी जताते हुए कहा कि- मीटिंग शुरू होने के 10 मिनट पहले 6 नाम मेरे पास आए, मुझे सुखबीर सिंह संधू, ज्ञानेश कुमार, उत्पल कुमार सिंह, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, इंदीवर पांडे और गंगाधर के नाम सौंपे गए थे, मैंने कहा कि इनकी ईमानदारी और तजुर्बा जांचना मेरे लिए असंभव है, मैं इस प्रक्रिया का विरोध करता हूं, ये होना ही था, ये औपचारिकता है?
खबरों की मानें तो…. अधीर रंजन का साफ कहना था कि- इस कमेटी में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को रखना चाहिए, अगर सीजेआई होते तो बात अलग थी, कल रात मैं दिल्ली आया, तब मुझे 212 लोगों की लिस्ट सौंपी गई थी, इतने कम समय में सभी का प्रोफाइल जांचना असंभव था.
लोकसभा चुनाव करीब हैं, ईवीएम पर पहले से ही सवालिया निशान लगे हुए हैं, ऐसे में चुनाव आयुक्तों की ऐसी प्रक्रिया से नियुक्ति प्रजातंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं हैं?
#ElectoralBondScam कमाल है! इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति एक दिन पहले ही?
https://www.palpalindia.com/2024/03/15/ElectoralBondScam-Amazing-Electoral-Bond-Data-Election-Appointment-of-Commissioners-Already-news-in-hindi.html