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पीएम मोदी यदि पाक-साफ है,तो.. क्या कोरोना वैक्सीन दलाली और पार्टी चंदा से मुक्त है?

चुनाव आयोग ने भारतीय स्टेट बैंक द्वारा सुप्रीम कोर्ट को सौंपा गया चुनावी बॉन्ड का पूरा डेटा गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया था.

इसके बाद मोदी सरकार लगातार निशाने पर है, क्योंकि…. वैक्सीन बनाने वाली कंपनी कोविशील्ड ने भाजपा को दिया 1 दिन में 52 करोड़ का चंदा ?

गृहमंत्री अमित शाह का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को मुफ्त में कोरोना टीके दे रही है!

बड़ा सवाल यह है कि यह मुफ्त की वैक्सीन किसके पैसे से दी जा रही है? सरकारी खजाना तो जनता के धन से ही भरा गया है!

मुफ्त का माल तो वे उड़ा रहे हैं, जो सरकारी खर्चों पर देश-विदेश की यात्राएं करते रहे हैं, सुख-सुविधाएं भोगते रहे हैं?
मुफ्त की वैक्सीन तो जनता का हक है, क्योंकि इसके पैसे तो सरकार पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सहित विभिन्न टैक्स में बेरहमी से वसूलती रही है, लूटती रही है!

देश के महान नेताओं! करोड़ों रुपयों के हवाई जहाजों में यात्राएं करो, सरकारी सुख-सुविधाएं भोगो, बगैर मास्क के चुनावी रैलियां करो, लेकिन मुफ्त की वैक्सीन और दो गज दूरी, मास्क है जरूरी जैसे प्रवचन मत दो? मुफ्त की वैक्सीन कह कर नागरिकों को अपमानित मत करो!
कोरोनाकाल में पीएम मोदी के देश के नाम नौवें संबोधन में फ्री वैक्सीन का जिक्र हुआ था, लेकिन क्यों?

जब युवाओं के वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी मोदी सरकार ने राज्यों पर डाल दी थी, तो कई राज्यों ने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से मोदी की तस्वीर हटा कर मुख्यमंत्री की फोटो लगा दी, प्रचार-प्रेमी प्रधानमंत्री के लिए यह कड़ा सियासी झटका रहा.

यही नहीं, उस समय यह भी कहा गया कि जब सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगी, 35 हजार करोड़ का हिसाब मांगा तो मजबूरी में प्रधानमंत्री ने फ्री वैक्सीन देने का वादा किया.
याद रहे, मोदी सरकार ने इन सात वर्षों में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सहित विभिन्न टैक्स वसूल कर जमकर जनता की जेब काटी है, लिहाजा यह वैक्सीन केंद्र सरकार को ही देशवासियों को मुफ्त देनी चाहिए थी.

वैक्सीन को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी यदि पाक-साफ है तो….
एक- देश को वैक्सीन वर्तमान दाम पर ही मिलनी चाहिए, इसका दाम नहीं बढ़ना चाहिए.
दो- यह नियम बने कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से कोई भी राजनीतिक दल किसी भी तरह का चंदा प्राप्त नहीं करेगा, न ही किसी को दलाली का भुगतान किया जाएगा.
तीन- किसी भी वैक्सीन कंपनी से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तरीके से चंदा लेने को अपराध घोषित किया जाए.
चार- वैक्सीन कंपनी से पीएम केयर के लिए भी डोनेशन नहीं लिया जाए, क्योंकि इसके उपयोग में भी कोई पारदर्शिता नहीं है.

क्या कोरोना वैक्सीन दलाली और पार्टी चंदा से मुक्त है? यह सवाल किसी भी राजनीतिक दल के समर्थन में या विरोध में नहीं है, यह केवल जनता के हक के सवाल हैं, इसलिए अंधभक्ति में किसी तरह के तर्क-वितर्क नहीं करें.
सियासी सयानों का मानना है कि फ्री वैक्सीनेशन मोदी सरकार का उपकार नहीं, जनता का अधिकार है!
याद रखें, हम और हमारा परिवार भी इसी देश में रहता है और कोरोना राजनीतिक आधार पर शिकार नहीं बनाता है

Janadesh Express

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