भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर के बिगड़े बोल, पत्रकार समूह का किया अपमान
क्या भरोसा कौन पत्रकार है ? जो गोली ही मार दे - सांसद चंद्रशेखर आजाद

अभय कुमार की रिपोर्ट —
भीम आर्मी चीफ क्या यह भूल बैठे है कि इन्ही पत्रकारों ने फर्श से अर्स तक के सफर को अपनी खबरों से आसान बनाया , जिन पत्रकारों ने लिख लिख कर हीरो बना दिया आज वही पत्रकार हत्यारे नजर आने लगे कहि ऐसा तो नही की नेतागिरी का नशा सर चढ़ कर बोलने लगा
आल इंडिया प्रेस कॉनशील ने इस घटना की कड़ी निंदा की है ,इसको लेकर देश भर में भीम आर्मी चीफ का किया जाएगा विरोध , पत्रकारो से मांगनी पड़ेगी माफी
अपनी तुलना अतीक अहदम से करने का क्या औचित्य क्या अतीक की तरह अपने आप को माफिया मानते है भीम आर्मी चीफ , तभी तो अपनी तुलना अतीक अहमद से करते नजर आए एक सच्चे राजनेता की किस बात का डर !
आइये जानते है पूरे मामले को कहा हुई पत्रकारो की बेइज्जती —
जनादेश एक्सप्रेस /रुड़की —
हरिद्वार में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में पहुंचे भीम आर्मी चीफ और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने अपनी जान का खतरा बताया है. उन्होंने खुद की तुलना माफिया अतीक अहमद से की है. उनका कहना है कि जिस तरह से पत्रकार बनकर आए लोगों ने अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी. उस तरह की आशंका उन्हें भी है. वहीं, चंद्रशेखर आजाद का पत्रकारों से बहस का भी वीडियो सामने आया है.
अपनी जान का बताया खतरा:
दरअसल, पूरा मामला बीती रोज यानी शनिवार का है. जहां पर दो अलग-अलग मामलों को लेकर हरिद्वार एसएसपी कार्यालय पर भीम आर्मी संस्थापक व सांसद चंद्रशेखर आजाद और खानपुर विधायक उमेश कुमार धरने पर बैठे. जहां पर पत्रकारों से वार्ता के दौरान सांसद चंद्रशेखर आजाद पत्रकारों से ही उलझ गए. साथ ही अपनी जान के खतरे का हवाला देते हुए पत्रकारों से दूरी बनाने की कोशिश की. जिसका वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में सांसद चंद्रशेखर आजाद पत्रकारों पर आरोप साधते हुए कहते नजर आ रहे हैं कि क्या भरोसा कौन पत्रकार है? जो गोली ही मार दे.
माफिया अतीक अहमद से की अपनी तुलना:
वहीं, इस दौरान उन्होंने खुद की तुलना माफिया अतीक अहमद से कर दी. उन्होंने कहा कि अतीक को ऐसे ही गोली मारी गई थी. किसी चेहरे पर नहीं लिखा होता है कि वो असल में क्या है. जिसके बाद नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद और खानपुर विधायक उमेश कुमार बिना कुछ बोले वहां से अपनी कार में बैठ कर निकल गए. हालांकि, इस बहस के साथ ही कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या चंद्रशेखर आजाद को डर लगता है ? क्या उनको किसी ने धमकी दी है ?