उत्तराखंड

शाह के उत्तराखंड दौरे से सधेगा केदारनाथ उपचुनाव!

13 अक्टूबर का उत्तराखंड दौरा होगा तो सरकारी, परंतु छिपे होंगे सियासी संदेश भी

जनादेश एक्सप्रेस/देहरादून
भले ही गृहमंत्री अमित शाह 13 अक्टूबर को अपने सरकारी कार्यक्रम के सिलसिले में उत्तराखंड आ रहे हों, लेकिन उनके जेहन में केदारनाथ का उपचुनाव जरूर रहेगा। लोकसभा चुनाव में पहले अयोध्या-फैजाबाद मे मिली हार, फिर बद्रीनाथ धाम के उपचुनाव में पराजय के बाद केदारनाथ के उपचुनाव की भाजपा के लिए अहमियत किसी से छिपी नहीं है। केदारनाथ उपचुनाव में यदि परिणाम भाजपा के अनुकूल न रहा, तो फिर देशभर में यह नरेटिव ही मजबूत होगा कि रामभक्तों की पार्टी का उसके धार्मिक स्थलों में ही जनाधार खिसक रहा है। भाजपा ऐसा कतई नहीं चाहती। इसलिए पार्टी ने केदार घाटी में चुनाव के लिए कमर कस ली है। इन स्थितियों के बीच, अमित शाह का उत्तराखंड दौरा उसके कार्यकर्ताओं और नेताओं का उत्साह बढ़ाने वाला है। फिर भले ही अमित शाह किसी गैरराजनीतिक कार्यक्रम में ही क्यों न आ रहे हों।
अभी तक का अमित शाह का जो कार्यक्रम बताया जा रहा है, उसमें वह 13 अक्टूबर को देहरादून और सीमांत जिले उत्तरकाशी के कार्यक्रमों में शरीक होंगे। देहरादून में उन्हें नार्को को-आर्डिनेशन सेंटर की समीक्षा करनी है, जबकि उत्तरकाशी में वह वह वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत अभी तक हुए कार्यो की पड़ताल करेंगे। शाह के ये दोनों कार्यक्रम अहम है। इसमें एक में नशे के खिलाफ चल रही जंग में मदद मिलेगी, जबकि दूसरे में सीमांत इलाकों में सामरिक दृष्टि से जरूरी उपायों को नए सिरे से जानने और उसके अनुरूप कदम उठाने में आसानी होगी। शाह उत्तरकाशी के दौरे में लोगों से संवाद भी कायम करेंगे और एक संदेश पूरे देश में देने की कोशिश करेंगे कि देश की सुरक्षा से संबंधित मसले पर केंद्र सरकार और उनकी खुद की सक्रियता में कोई कमी नहीं है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे से भाजपा के पूरे परिवार में जिस तरह से उत्साह का संचार हुआ है, उसके प्रभाव को उत्तराखंड में भी महसूस किया जा सकता है। इसी उत्सवी माहौल के बीच अमित शाह के उत्तराखंड आगमन से स्थानीय भाजपाई आत्मविश्वास से भर गए हैं। केदारनाथ उपचुनाव की चुनौती से पार पाने के लिए वह कमर कस रहे है। माना जा रहा है कि शाह अपने इस दौरे में भाजपा के उत्तराखंड के नेताओं से केदारनाथ उपचुनाव की तैयारियों का फीडबैक ले सकते हैं। साथ ही, उन्हें यह टिप्स भी दे सकते हैं, कि किस तरह से केदारनाथ उपचुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित की जा सकती है।

Janadesh Express

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