केदारनाथ में हो गया चुनाव का शंखनाद, 20 को मतदान
भाजपा-कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर, दोनों पर अलग-अलग तरह के दबाव

जनादेश एक्सप्रेस/देहरादून
केदारनाथ उपचुनाव के लिए शंखनाद हो गया है। भाजपा और कांगे्रस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बने इस उपचुनाव में मतदान की तारीख 20 नवंबर तय की गई है। नामांकन प्रक्रिया 22 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी, जो कि 29 अक्टूबर तक चलेगी। चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किया जाएगा।
दिल्ली में निर्वाचन आयोग की प्रेस कान्फं्रेंस पर मंगलवार को सभी की निगाहें थीं। महाराष्ट व झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही यह भी तय होना था कि केदारनाथ उपचुनाव कब होगा। निर्वाचन आयोग के ऐलान के साथ ही केदारनाथ उपचुनाव के लिए अब राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भाजपा और कांग्रेस के बीच इस सीट को लेकर घमासान होना तय है। भाजपा के पास उत्तराखंड में लोक सभा की पांचों सीट जीतने से अर्जित आत्मविश्वास है, तो कांग्रेस का मनोबल बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद बढ़ा हुआ है। केदारनाथ सीट परंपरागत रूप समय-समय पर भाजपा और कांग्रेस की झोली में जाती रही है। केाई भी सियासी दल इस सीट पर कभी अजय वाली स्थिति में नहीं रहा है।
वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद देश दुनिया का ध्यान नए सिरे से केदारनाथ की तरफ हुआ है। प्रधानमत्री नरेद्र मोदी ने केदारनाथ पुनर्निर्माण के काम में जिस तरह से दिलचस्पी दिखायी है, उसे देखते हुए उत्तराखंड भाजपा पर इस सीट को जीतने का दबाव कई गुना बढ़ा हुआ है। इसके अलावा, हाल ही बद्रीनाथ सीट का उपचुनाव हार जाने के बाद भाजपा केदारनाथ में कोई चूक नहीं करना चाहती। इसके उलट, कांग्रेस अपनी सारी ताकत जीत के लिए झांेकना चाहती है। पार्टी को पता है कि इस जीत के मायने किस कदर बडे़ होंगे। बहरहाल, इस चुनावी घमासान के लिए केदारनाथ में मैदान सज चुका है। जनता जर्नाद्धन ही तय करेगी कि किस पर उसका विश्वास है।