सचिवालय पदाधिकारियों के CUG नंबर की माया,कोई समझ न पाया
किसी पास काम नहीं, तो वही किसी के पास विभागों का अंबार

जनादेश एक्सप्रेस पड़ताल –
( किसी के काम नहीं,किसी के विभागों का अंबार सीरीज पार्ट -1)
* टीम द्वारा विगत 6 माह से इसपर कार्य करने पर कुछ लोगों के नाम व उनके कार्य के तरिके सामने आये है जिनके वादों की लिस्ट मे ना शब्द नहीं है और कार्य की तो कल्पना ही मत कीजिये.
उत्तराखंड के पदाधिकारियों की माया कोई समझ न पाया, कहा जाता है की CUG नंबर विभागीय पदाधिकारियों को जनता के दुख दर्द को सुनने के लिए दिया जाता है, पर कुछ पदाधिकारियों के पास यह नंबर उनकी मर्जी से उठाने व बंद करने का चलन शुमार मे है, उत्तराखंड मे आज भी कुछ ऐसे पदाधिकारी है जिनके पास विभागों का अंबार से जो बेचारे बमुश्किल ही सब संभाल पा रहे है, पर एक बार जनता के समझ से भी परे की कुछ महत्वपूर्ण विभाग एक ही व्यक्ति को ही क्यों क्या इससे आम आदमी के काम आसानी से सम्भव हो सकेगे क्या ? अगर नहीं तो एक पर ही इतना भरोषा क्यों ? या यों कहे की केवल कुछ लोग ही ईमानदार व कर्मठ है जिसपर पूरी व्यवस्था का लोड दे दिया गया है. जनादेश पड़ताल मे हम प्रत्येक संडे को एक स्टोरी ऐसे ही सचिवालय लेवल के ऐसे पदाधिकारी की देंगे जिनका जनता के साथ व्यवहार और तरीका आप सबको देखने को मिलेगा, इसके साथ साथ उक्त पदाधिकारी द्वारा अपने नियुक्ति कार्यकाल व कार्य क्षेत्र मे किये गए कार्यों का वर्णन भी करेंगे जिससे आम जनता को उनके द्वारा किये गए कार्य और उनके व्यवहा कुछ ऐसे भी पदाधिकारी है जो इस कहावत को भी चरितार्थ करते नजर आ रहे है. र की जानकारी हो सके, एक कहावत जो वर्षो से चली आ रही है की ” बिना दूध के बच्चे को जिलाना ” कुछ ऐसे भी पदाधिकारी है जो इस कहावत को भी चरितार्थ करते नजर आ रहे है. ” किसी के पास काम नहीं तो किसी के पास विभागों का अंबार” सीरीज मे हम ऐसे ही पदाधिकारियों की बात करेंगे.