सारा सिस्टम ही सवालों के घेरे में ? पुणे पोर्श कार हादसा !

सारा सिस्टम ही सवालों के घेरे में ?
अभय कुमार –
इस 19 मई 2024 को पुणे में एक तेज़ रफ़्तार पोर्श कार ने बाइक पर सवार लड़का-लड़की. को कुचल दिया, नतीजे में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई, आश्चर्यजनक बात यह है कि- जिस कार से ये एक्सीडेंट हुआ, उसका रजिस्ट्रेशन भी नहीं था ?
इस पुणे पोर्श कार हादसा ने सारे सिस्टम को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है!
” इस हादसे के बाद कई बातें छिपाई गईं, कई बदलाव किए गए, तो…. कई बेशर्म कदम उठाए गए ? “
खबरों की मानें तो…. इतने भयानक हादसे के बावजूद अभियुक्त को कुछ ही घंटों में ज़मानत मिल गई ?
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड, पुलिस, राजनेता सब की भूमिका संदेह के घेरे में है !
इतना ही नहीं, इसने चारों ओर मची खुल्लमखुल्ला बेशर्मी का काला चेहरा भी सबको दिखा दिया…. बिना लाइसेंस वाले पब, पब में देर रात तक लोगों को शराब परोसना जैसे काम तो बेधड़क चल ही रहे हैं, तो….
” अभियुक्त के खून के सैंपल बदलने जैसी जानकारियों ने बताया कि किस तरह पूरे सिस्टम में दीमक लग गई है ? “
रईस परिवार के अभियुक्त के लिए किस तरह से पूरा सिस्टम दंडवत हो गया, यह आम आदमी को डराने के लिए काफी है ?
हालांकि…. इस मामले को लेकर मचे हंगामे के कारण हफ़्तेभर बाद येरवडा पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक राहुल जगदाले और सहायक पुलिस निरीक्षक विश्वनाथ टोडकरी को निलंबित कर दिया गया, पर क्या इससे सिस्टम सुधर जाएगा?
ऐसे मामलों में किस हद तक गिरा जा सकता है, यह इससे साफ है कि…. ” घटना के बाद परिवार के ड्राइवर ने पुलिस को ये बयान दिया था कि कार अभियुक्त नहीं बल्कि वो चला रहा था, लेकिन पुलिस ने कहा कि जांच से सामने आया कि ड्राइवर का बयान ग़लत था ?”
पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के हवाले से खबरें थी कि- इसके लिए अभियुक्त के परिवार ने ड्राइवर का अपहरण कर लिया और उस पर अपराध अपने ऊपर लेने का दबाव डाला !
जो हो, यह साफ हो गया है कि प्रभावशाली लोगों को बचाने के लिए सिस्टम किसी भी हद तक गिर सकता है ?
” क्या सिस्टम में लग गई दीमक को हटाने के लिए गंभीर कदम उठाने की जरूरत नहीं है ? “