दिल्ली में चार बेटियों संग पिता ने की खुदकुशी, 3 दिनो से कमरे में पड़े थे शव
दिल्ली में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है. वसंत कुंज के रंगपुरी इलाके में एक पिता ने चार बेटियों के साथ सुसाइड कर लिया. घर के अंदर से दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी. शव देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि सुसाइड दो से तीन दिन पहले किया गया है.

जनादेश एक्सप्रेस /नई दिल्ली-
दिल्ली के रंगपुरी इलाके में एक पिता ने अपनी चार दिव्यांग बेटियों के साथ सुसाइड कर लिया. पांचों ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जान दी है. इन बच्चों की मां की पहले ही कैंसर से मौत हो चुकी थी. पुलिस ने शुक्रवार देर रात घर का ताला तोड़कर सभी शवों को बाहर निकाला. पूछताछ में पता चला है कि बेटियों के चल फिर न सकने की वजह से पिता ने यह कदम उठाया.
जानकारी के अनुसार, पिता की उम्र 46 साल के करीब थी, जो रंगपुरी गांव में किराए के मकान में रह रहे थे. मूल रूप से बिहार के छपरा जिले के रहने वाले थे. इनकी चार बेटियां थीं. वसंत कुंज इलाके के एक निजी अस्पताल में कारपेंटर का काम करते थे. शुक्रवार शाम उनके फ्लोर से बदबू आने के बाद पड़ोसियों ने इस घटना की जानकारी मकान मालिक को देने के साथ-साथ पुलिस को भी दी.
देखा नहीं जाता था बेटियों का कष्ट
मृतक पिता की पहचान हीरालाल शर्मा (46) के रूप में हुई है. उसकी चारों बेटी की उम्र 26 साल, 24 साल, 23 साल और 20 साल थी. हीरालाल पिछले 28 साल से इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर, वसंत कुंज में बढ़ई के रूप में कार्यरत था. बताया जा रहा है कि वह जनवरी 2024 से अपनी ड्यूटी पर नहीं जा रहा था. इसके अलावा, उसकी दो बेटियों पूरी तरह चलने में फिरने में असमर्थ थीं. बाकी दो आंशिक रूप से दिव्यांग थीं. हीरालाल हमेशा किसी न किसी अस्पताल में अपनी बेटियों के इलाज में व्यस्त रहता था. बेटियां शायद ही कभी अपने कमरे से बाहर निकलती थीं. पुलिस को घर के अंदर से जहर के तीन पैकेट और संदिग्ध तरल पदार्थ से भरे पांच गिलास, एक चम्मच मिले हैं. मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
पुलिस ने फ्लोर का दरवाजा तोड़ा तो अंदर 5 शव मिले. आशंका यही जताई जा रही है कि सुसाइड की यह घटना दो से तीन दिन पहले हुई है. मृतक व्यक्ति तीन-चार दिनों से लोगों को दिखा भी नहीं था. उसके भाई को सूचना दे दी गई है. पुलिस को मौके से कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है. घटना के बाद से स्थानीय पुलिस के साथ-साथ फॉरेंसिक टीम मौका मुआयना कर रही है. सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
कारपेंटर के तौर पर करता था काम
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पिता आर्थिक रूप से और बच्चियों के पालन पोषण दोनों को ही लेकर परेशान था. काम पर जाने से पहले खाना खिलाकर जाता था. वापस लौटने पर फिर से उनकी देखभाल में लग जाता था. बच्चियां बिस्तर पर ही पड़ी रहती थीं. दिव्यांग होने की वजह से चल फिर नहीं सकती थीं.
ऐसे मिली जानकारी
फ्लैट से दुर्गंध इस कदर फैल गई थी कि मकान के सामने सड़क की दूसरी बने मकान में रहने वाले लोगों ने पुलिस को जानकारी दी. पुलिस को फ्लैट के अंदर एक कमरे के बिस्तर पर पिता का जबकि दूसरे कमरे में बेड बाकी चारों बेटियों के शव मिले. जानकारी के मुताबिक, सभी ने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी की है. फिलहाल, बेटियों का दिव्यांग होना और आर्थिक संकट ही सुसाइड का कारण माना जा रहा है.
किराये पर रहता था परिवार
मकान की चौथी मंजिल में यह परिवार किराये पर रहता था. परेशानियों से जूझने की वजह से लोगों के साथ कम ही घुलना मिलना था. पिता को आखिरी बार तीन दिन पहले 24 सितंबर को देखा गया था. उसके बाद से वो नजर नहीं आए. पुलिस के मुताबिक, सभी के शव सड़ने लगे थे. हर एंगल से जांच शुरू कर दी गई है.